Old Pension Final Approval: पुरानी पेंशन योजना को लेकर के अभी के समय में सरकार ने कोई नए नियम लागू किए हैं या फिर नहीं लिखे हैं इसको लेकर के काफी सारे लोगों के मन में सवाल चल रहे हैं या फिर कहे काफी सारे सवाल पूछे जा रहे हैं। अभी के समय में सरकारी कर्मचारी भी चाहते हैं कि पुराने पेंशन योजना को लागू किया जाए लेकिन पुराने पेंशन योजना को लेकर के सरकारी कर्मचारियों को भी काफी सारी उम्मीदें थी कि केंद्रीय बजट में इस बारे में कोई ना कोई घोषणा की जाएगी।
लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट में ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर के किसी भी प्रकार का कोई जिक्र नहीं किया है और सिर्फ नेशनल पेंशन सिस्टम में सुधार को लेकर के बाद की हुई है जिसके चलते सभी कर्मचारी काफी उदास देखने को मिल रहे थे लेकिन अभी के समय में सुप्रीम कोर्ट का फैसला जारी हुआ है जिसको अंतिम मंजूरी बताया जा रहा है।
Old Pension Scheme
आप सभी की जानकारी के लिए बता दे कि सदन में हर दिन पुरानी पेंशन को लेकर की चर्चा चलती रहती है ऐसी में सोमवार 22 जुलाई 2024 को भी बजट सत्र शुरू होने पर ऐसा ही हुआ जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस के लोकसभा सांसद श्री पंडित सुशील कुमार शिंदे ने इस दौरान सरकार से कुछ सवाल पूछे।
इन सवालों में सोलापुर से कांग्रेस के लोकसभा सांसद ने पूछा की पुरानी योजना को लेकर के सरकार किसी निर्णय पर पहुंची है कैसे पैसे लागू किया जा रहा है या फिर नहीं इसके अलावा उन्होंने पूछा कि 2023 से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को दी जा रही पेंशन का रजवाड़ डाटा उपलब्ध करवाया जाएगा या नहीं करवाया जाएगा इन सभी सवालों के जवाब वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लिखित रूप में दिए हुए हैं।
जारी हुआ फाइनल जवाब
आप सभी की जानकारी के लिए बता दें कि सरकारी कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार या भूल जाती है कि देश की आर्थिक संरचना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है ऐसे में विभिन्न उत्पाद एवं सेवाएं बनाते हैं जिन पर सरकार जीएसटी वसूलती है और ऐसे में सरकारी कर्मचारी न केवल राज्यों का मुख्य स्रोत है बल्कि भी अपनी जरूरत का सामान भी बाजार से ही खरीदते हैं जिस पर उन्हें जीएसटी देनी पड़ती है।
इसी प्रकार से देश के सच्चे करदाता बन जाते हैं इसके बावजूद केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा दिए गए प्रस्ताव को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण में डंडा कर दिया है जिसके चलते सरकारी कर्मचारियों को काफी उम्मीद थी लेकिन अभी के समय में बजट में भी उनकी पेंशन और अन्य मुद्दों पर किसी भी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दिया गया है लेकिन ऐसा नहीं कि भविष्य में भी ध्यान नहीं दिया जाएगा उनके मुद्दों को ध्यान में रखा जाएगा और उनकी अर्जी पर काम किया जाएगा।